हेलो दोस्तों ,
आज हम आप के लिए भारतीय नदियों के प्राचीन और आधुनिक नाम से सम्बंधित एक आर्टिकल तैयार किये हैं। प्राचीन काल से देश की आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकाश में नदिओं महत्वपूर्ण योगदान रहा है। विश्व के सभी प्राचीन सभ्यता नदियों के किनारे ही विकसित हुआ था। आज भी देख की कई प्रमुख सहर और धार्मिक स्थल नदिओं के किनारे है।अगर आप कीसी सरकारी प्रतियोगी परीक्षा की यैयारी कर रहें हैं तो आप के लिए यह नदिओं के प्राचीन और आधुनिक नाम से सम्बंधित जानकारी बहुत ही उपोयोगी है।
भारतीय नदिओं के प्राचीन और आधुनिक नाम
व्यास नदी
इस नदी का प्राचीन नाम विपाशा था। यह नदी हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में व्यास कुंड से निकलती है।
रावी नदी
रावी नदी को भारत में प्राचीन काल में परुषणी और इरावती के नाम से जाना जाता था। रावी नदी सिंधु नदी की की सहायक नदिओं में से एक है। यह दो देशों भारत तथा पाकिस्तान में बहती है।
सतलज नदी
इस नदी को प्राचीन काम में सुतुद्री कहा जाता था। यह नदी भारत और पाकिस्तान में बहती हुई चिनाब नदी से मिलती है।
झेलम नदी
वैदिक काल में इस नदी को वितस्ता के नाम से जाना जाता था। यह सिंधु नदी की एक प्रमुख उपनदी है। झेलम उत्तर भारत किम जम्मू काश्मीर में बहती है।
गोमती नदी
गोमती नदी उत्तर प्रदेश में बहने वाली गंगा नदी की एक प्रमुख उपनदी है। इस नदी का प्राचीन नाम गोमल था।
गंडक नदी
इस नदी का प्राचीन नाम सदानीरा है। यह नदी नेपाल और बिहार में बहती है। नेपाल में इस नदी को सालिग्राम , नारायणी और सप्तगण्डकी आदि नाम से जाना जाता है।
सोन नदी
इस नदी का प्राचीन नाम सुषोमा नदी था जो समय के साथ सोहन नदी व आगे सोन नदी हो गया, जो गंगा में मिलने वाली प्रमुख नदियों में से एक है।
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दोस्तों में आशा करता हूँ की आप भारत के नदिओं के प्राचीन नाम के बारे में अच्छे से जान गए होंगे।अगर आप को हमारा यह नदिओं के प्राचीन नाम से सम्बंधित जानकारी अच्छा लगा तो आप हमें कमेंट कर के जरूर बताएं और अपने दोस्तों के शेयर करना न भूलें।