हिमाचल प्रदेश की झीलें – Lakes of Himachal Pradesh
Lakes of Himachal Pradesh
चंद्रताल झील (लाहौल और स्पीति)
चंद्रताल झील लाहौल और स्पीति जिले के लाहौल और स्पीति घाटियों के सिमा पर स्थित है। चन्द्रमा जैसे आकार के कारन इस झील का नाम चंद्रताल पड़ा। चंद्रा नदी का उद्गम चंद्रताल झील से होता है। यह झील एक अति दुर्गम स्थान है ,सर्दियों के दौरान यह पूरी तरह से जमी रहती है।
सूरजताल झील (लाहौल और स्पीति)
लाहौल और स्पीति में स्तिथ यह झील भारत की तीशरी और हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंचाई पर स्थित झील है। यह लगभग 4800 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। बाराचाला से निकलने वाली भगा नदी सूरजताल झील की निर्माण करती है।
रेणुका झील (सिरमौर)
सिरमौर जिले में स्थित यह झील हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है। इस झील का नाम देवी रेणुका के नाम पर रखा गया है। समुद्र स्थल से 672 मीटर ऊंचाई पर स्थित इस झील का आकर एक सो रही महिला की तरह है।
पराशर झील (मंडी)
यह झील मंडी से 40 की.मि दूर पर स्थित है। इस झील का नाम महर्षि पराशर पर रखा गया था। 13 वीं सताब्दी में महर्षि पराशरके सम्मान में बनाया गया मंदिर यहाँ है।
रिवालसर झील (मंडी)
यह झील समुद्र तल से 1350 मीटर ऊंचा मंडी से लगभग 24 की.मि दूर पर स्थित है। इस झील को तैरते टापू की झील भी कहा जाता है।यह जगह हिन्दू ,बौद्ध और सिखों के लिए महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ भगवान बुद्ध के तीन मठ हिन्दू मंदिर में स्थापित है।
कमरुनाग झील (मंडी )
यह झील कमरुनाग देवता के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंडी से 40 की.मि. दूर पर स्थित है। यह मंडी की बहुत प्रसिद्ध झील है , यहाँ हर वर्ष 14 जून को मेला लगता है।
खज्जियार झील (चम्बा)
यह झील हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में स्थित है।यह समुद्र तल से 1920 मीटर ऊंचाई पर चम्बा से लगभग 27 की.मि. दूर पर है।इस जगह को हिमाचल का मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से भी जाना जाता है।
महाकाली झील (चम्बा )
इस झील की ऊंचाई समुद्र तल से 3657 मीटर ऊंचाई पर है। यह झील देवी काली को समर्पित है।
मणिमहेश झील (चम्बा)
चम्बा जिले की यह पवित्र झील झील समुद्र तल से 4080 मीटर ऊंचाई पर स्थित एक जिल है।
महाराणा प्रपात सागर झील (काँगड़ा)
यह मानव निर्मित झील काँगड़ा जिले में स्थित है। इस झील के पास 1960 में निर्मित पोंग डैम है ,इसे पोंग झील के नाम से भी जाना जाता है। इस झील की लम्बाई 42 की.मि. लम्बी है।
गोविन्द सागर झील (बिलासपुर)
यह झील सतलुज नदी पर भाखड़ा बांध निर्माण करने के कारन बानी है। इस झील का नाम गुरु गोविन्द सिंह के नाम पर रखा गया है।
सरवालसर झील (कुल्लू )
यह झील समुद्र तल से लगभग 3100 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।
भृगु झील (कुल्लू)
यह झील महर्षि भृगु के नाम से प्रसिद्ध है। इसकी ऊंचाई समुद्रतल से 4325 मीटर है।
नाको झील (किन्नौर)
समुद्र तल से इस झील की ऊंचाई 3662 मीटर है। यह झील किन्नौर जिले के पूह उप-मंडल में नाको गाओं के पास स्थित है। इस जगह चार बौद्ध मंदिर है।इस झील की ज्यादातर भाग बर्फ से ढका रहता है।
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